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1918 से लेकर 1920 के बीच एक बहुत ही बड़ी महामारी ने दुनिया के 5 करोड़ लोगों की जान ले ली थी।
जहां तक हमे इतिहास के बारे में पता है उसमें ये सबसे खतरनाक बीमारी है।
और इस समय हम लोग Covid-19 महामारी से बहुत बुरी तरह से प्रभावित हैं इसीलिए हमें पुरानी पेंडेमिक के बारे में जानना एक प्रकार से महत्वपूर्ण हो जाता है
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● Flu or Influenza Pandemic 1918
इसे स्पेन फ्लू बोला जाता है इस बीमारी के कारण पूरी दुनिया में मरने वाले व्यक्तियों की संख्या 50 मिलीयन (5 करोड़) थी।
यह जनवरी 1918 से शुरू हुआ और दिसम्बर 1920 में समाप्त हो गया था यानी लगभग 2 वर्षों तक यह हमारे बीच रहा है और इसने धीरे धीरे करके एक बहुत बड़ी जनसंख्या को अपनी चपेट में ले लिया इस वायरस से 50 करोड़ लोग संक्रमित हुए थे और उनमें से 5 करोड़ लोग मर गए थे।
इसकी एक बात ध्यान देने वाली है कि इसमें helthy लोग यानी 25 - 30 साल के युवा लोग भारी मात्रा में संक्रमित हुए थे।
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● इसकी उत्पत्ति कहाँ से हुई थी ?
इसकी उत्पत्ति को लेकर लोगों में मतभेद है लेकिन ज्यादातर वैज्ञानिको का मानना है कि ये वायरस अमेरिका से निकला है
और जब (1914 -1918) प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था तो अमेरिका और इंग्लैंड ने बाद में युद्ध में भाग लिए थे
और कहा जाता है उस समय अमेरिकन सैनिकों में ये वायरस मजूद था और इन्हीं से अन्य सैनिकों में वायरस ट्रांसफर हो गया था।
इस महामारी को स्पेनिस फ्लू क्यों कहा गया
अगर ठीक से देखा जाय तो ये अमेरीकन फ़्लू था। क्योंकि ये अमेरिका से पूरी दुनिया में फैला था लेकिन जब फ्लू के अमेरिका में लोग मर रहे थे तब वहाँ की मीडिया को वहाँ की सरकार ने दबा दिया था जिस कारण से अंदर की बात अंदर ही रह गई
लेकिन जब स्पेन में इस बीमारी से लोग मरने लगे तो वहाँ की मीडिया ने इस महामारी दुनिया के सामने कर दिया
औऱ अमेरिका के लोग इस बात का फायदा उठा कर इसको स्पेनिस फ्लू का नाम दे दिया तब से ये स्पेन फ्लू के नाम से जानी जाने लगी
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इस महामारी के कितने चरण थे (Phases of the Pandemic)
फ्लू की एक और खास बात की इसे दो या तीन चरणों में देखा गया था इसका पहला चरण कोरोना के first wave की तरह इतना खतरनाक नही था
लेकिन जब इसका दूसरा चरण आया तो ये बिल्कुल कोविड-19 के Second wave की तरह बहुत घातक सिद्ध हुआ था और इसी दूसरे चरण ने युवा वर्ग को बहुत ही अधिक प्रभावित किया।
इसका तीसरा चरण भी आया था लेकिन ये दूसरे चरण की तुलना में बहुत कम और प्रथम चरण की तुलना में अधिक घातक था।
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नए नियम
फ्लू के दौरान कई देशों ने स्कूल , कॉलेज ,शॉपिंग मॉल और अन्य सभी पब्लिक प्लेसेस को प्रतिबंधित कर दिया गया था
इस महामारी ने भारत पर क्या प्रभाव डाला?
इस फ्लू वायरस के कारण भारत में करीब 10 से 20 मिलियन लोगों की मृत्यु हो गयी थी और इसे बॉम्बे फीवर नाम दिया गया था
भारत मे फ्लू के फैलने का कारण अंग्रेज थे क्योंकि उस समय अपना देश भारत अंग्रेजों का गुलाम था और जब प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था तो उसमें भरतीय सैनिक अंग्रेज की ओर से भाग लिये थे।
और जब विश्व युद्ध समाप्त हुवा तो सभी सैनिक अपने अपने देश वापस चले आये और साथ में वायरस भी लेकर आ गए
इसी फ्लू के भारत की आबादी का एक बहुत बड़ा हिस्सा इसकी चपेट में आ गया।
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फ्लू के इतना फैलने का वैज्ञानिक कारण
इसके फैलने का सबसे मुख्य कारण उस समय लोग वायरस जैसे किसी प्राणी के बारे में नही जानते थे।क्योंकि 1930 में तो पहली बार वायरस को देखा गया था
इसमें सबसे अच्छी बात इसकी वैक्सीन इजात कर ली गयी और इसी कारण बहुत से लोगों की जाने बचा ली गयी
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