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History of Jews ; कुछ सम्प्रदाय के लोग अलग ही प्रकार के बुद्धिमान होते हैं जैसे भारत के सिख और मराठा समुदाय इसी तरह यहूदी समुदाय भी बहुत अधिक मेहनती और बुद्धिमान हैं ( जैसे अलबर्ट आइंस्टाइन ये भी एक बुद्धिमान यहूदी थे) लेकिन जब आप इनका इतिहास देखेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे

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दोस्तों कुछ सम्प्रदाय के लोग अलग ही प्रकार के बुद्धिमान होते हैं जैसे भारत के सिख और मराठा समुदाय इसी तरह यहूदी समुदाय भी बहुत अधिक मेहनती और बुद्धिमान  हैं ( जैसे अलबर्ट आइंस्टाइन ये भी एक बुद्धिमान यहूदी थे) लेकिन जब आप इनका इतिहास देखेंगे तो आपके होश उड़ जाएंगे
दुनिया में सबसे ज्यादा जुल्म और अत्याचार यहूदियों पर हुआ है सबसे काला इतिहास इन्हीं का माना जाता है


 आइए जानते हैं यहूदियों का पुरा इतिहास 



◆ यहूदियों का प्राचीन इतिहास
इनका इतिहास 1000 BC से आरम्भ होता है जब राजा डेविड (David) के बेटे सोलोमन (Solomon) जिन्हें इस्लाम में सुलेमान भी बोला जाता है इन्होंने यहूदियों का पहला पवित्र मन्दिर (Holy Temple) का निर्माण इजराइल की वर्तमान राजधानी यरुशलम में करवाया था। और यही इजराइल से इनका समय शुरू हुआ माना जाता है

अब  देखेंगे  शुरू से अंत तक यहूदियों को खूब मारा और सताया जाता रहा है लेकिन इसके पीछे एक कहानी है
ऐसा माना जाता है की Jews की कुछ हरकतों के कारण इन्हें ईश्वर द्वारा श्राप दिया गया है कि जब तक ये दुनिया में रहेंगे इन्हें किसी न किसी प्रकार से सताया जाता रहेगा और कहा जाता है कि इनके पूर्वजों के कर्म को आज भी ये भुगत रहे हैं।
और 931BC आते-आते यहूदी दो भाग में विभाजित हो गए थे पहला (Israel in The North) और दूसरा (Judan In The South)

और लगभग 587 BC के आसपास बेबीलोनियन्स (Babylonians)【आधुनिक ईराक】की आर्मी ने यहूदियों के पहले पवित्र मन्दिर को तोड़ दिया और उनपर शासन करने लगे।इन्हें पर्शियन भी बोला जाता था



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◆ प्रारंभिक इतिहास (Early History)

516BC में दूसरा holy Temple बनाया गया और इसी दौरान इनकी जनसंख्या में भी भयंकर वृद्धि देखने को मिली और यही वो समय था जब इन्होंने अपने लोगों को जागरूक और शिक्षित करना शुरू कर दिया था।

332BC में फिलिप द्वितीय के पुत्र एलेग्जेंडर द ग्रेट ने यहूदियों पर राज करने वाले पर्शियन साम्राज्य को बुरी तरह से हरा दिया इसके बाद इजराइल अलेक्जेंडर द ग्रेट के पास आ गया और कुछ समय के बाद अलेक्जेंडर की मृत्यु हो गयी और फिर जितना कुछ अलेक्जेंडर ने जीता था उसे अपने गवर्नेंस में बाँट दिया।


Alexander-the-great
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◆ हेलनस्टिक काल Hellenistic Period (332-110BC)
इस काल में यहूदियों पर रोमान्स ने राज किया और इसी दौरान ईसाई धर्म का उदय हुआ और 63BC से लेकर 324AD तक
ईसाई धर्म के लोगों ने यहूदियों पर खूब अत्याचार किया बहुत से लोगों को मारते थे यहां तक कि पूरा का पूरा गाँव ही बर्बाद कर देते थे ये लोग यहूदियों का जबरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाते थे और कुछ को गुलाम बना कर बेंच देते थे ।


◆ बीजान्टिन काल Byzantine Period (324-638AD)

इस काल में ईसाई धर्म को वहाँ का आधिकारिक धर्म बना दिया गया था। इस वजह से बहुत से यहूदियों ने ईसाई धर्म को अपना लिया क्योंकि उनपर बहुत ज्यादा जुल्म ढाया जा रहा था और जो लोग धर्म परिवर्तन से इनकार कर रहे थे उन्हें मार दिया जाता था।


Ancient-history-of-jews
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◆ इस्लामिक काल Islamic Period (638-1099)
इस्लामिक काल शुरू होने से पहले इन्हें थोड़ा समय मिला था और उसी थोड़े समय में यहूदियों ने खुद को फिर से खड़ा किया अपने लोगों को इकट्ठा किया और उन्हें जागरूक किया इसी समय इन लोगों ने बैंक खोले और खूब पैसा कमाया ये लोग इस देश उस देश एक व्यापारी के रूप में कार्य करते थे।
इस्लाम ने धीरे-धीरे करके पूरे रोमन साम्राज्य का अंत कर दिया और इजराइल के साथ इन्होंने यरुशलम , सीरिया, और मेसोपोटामिया को भी अपने कब्जे में लिया।
इस्लामिक पीरियड का आरंभिक युग स्वर्ण युग (Golden Age) कहलाता है
ये स्वर्ण युग 711 से 1013 तक माना जाता है।



◆ क्रुसडर्स काल Crusaders Period (1099-1260AD)
ये यहूदियों के लिए बहुत ही खरतनाक काल था इस काल में ईसाइयों ने यहूदियों को गाजर मूली की तरह काटा और उनका जबरन धर्म परिवर्तन करवाया।
इससे कुछ यहूदियों ने आत्महत्या कर लिया क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि उनका धर्म परिवर्तन हो।


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◆ ममूल्क काल Mamulk Period (1260-1517)
इस समय टर्किश का शासन आ गया था और ये भी इनके लिए बहुत अच्छा नहीं था इस समय भी मिस्र और सीरिया के  गवर्नर इनपर खूब जुल्म करते थे इन्हें अकारण ही मरते पीटते थे।


◆ Ottoman Empire (18th Century)
यहूदियों के पास कोई स्थ्ययी जमीन थी नही इसीलिए ये जहां भी जाते वहाँ से इन्हें खदेड़ दिया जाता था और एक बार ये लोग सीरिया गए थे तो वहाँ भी इनके साथ खूब मारकाट की गयी कोई आँकड़ा तो मौजूद नही है लेकिन इसमें लाखों यहुदी मारे गए थे।
इन लोगों को लोग यह कहकर मारते थे कि ये लोग बहुत लालची किस्म के लोग हैं ये अपने लाभ के लिए कुछ भी उल्टा सीधा काम कर देते हैं।
जब सभी स्थान से इन्हें भगाया जाने लगा तो ये एक सुरक्षित स्थान तलाशने लगे और वो था संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ये लोग 1890 में अमेरिका चले गए और 1924 तक अमेरिका ही रहे। और इन्होंने अपने लिए स्थायी स्थान की मांग करना भी शुरु कर दिया।
और फिर 1897 में जब सभी देशों की एक  कॉन्फ्रेंस हुई तो उसमें ब्रिटेन ने ये वादा किया कि आपको अपना स्थायी आवास दिया जायेगा हम आपको स्थाई स्थान दिलायेगे।

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◆ फिलिस्तीन का विभाजन
पहला विश्व युद्ध शुरू हुआ (1914-1918) इसमें ओटोमन साम्राज्य जर्मनी की ओर से लड़ रहा था और इसी दौरान इंग्लैंड ने यहूदीयो समेत कई अन्य समुदायों से वादा किया की तुम लोग युद्ध मेे हमारा साथ दो बदले में हम तुम्हे बहुत कुछ देंगें यही भारत से भी कहा था लेकिन ब्रिटेन वालों ने किसी को कुछ नहीं दिया
फिर दूसरा विश्व युद्ध शुरू हुआ (1939-1945) में लेकिन इसी दौरान यहूदियों ने फिलिस्तीन में जमीन खरीदना भी शुरू कर दिया था।
और जब 1945 में दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हुआ तो इन लोगों ने कहा बहुत हुआ अब हमें कुछ न कुछ चाहिए कब तक हम इधर उधर भटकेंगे इस  बार  UNO (United Nation Organization) ने इन्हें आश्वासन दिया कि तुम्हें रहने के लिए स्थायी आवास दिया जायेगा
और फिर UNO ने 1948 को फिलिस्तीन का विभाजन किया जिसमें 48% भाग फिलिस्तीनियों को मिला और 44% भाग यहूदियों के हिस्से में आया और 8% में था यरुशलम इसे UNO ने अपने अधिकार क्षेत्र में कर लिया।
इसके बाद फिलिस्तीन और इजराइल के बीच कई बार विवाद हुए और वर्तमान में भी फिलिस्तीन और इजराइल के बीच गरमा-गर्मी चल रही है।


इजराइल और फिलिस्तीन के बीच हो रही बमबारी थम नहीं रहा विवाद

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