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Six Day war ; इजराइल का नाम सुनते ही अरब देशों और इजरायल के बीच हुए विवादों की एक लंबी कहानी मन में आ जाती है इजरायल की मान्यता को लेकर अरब देश हमेशा से विवाद में रहते हैं अरब देश जहां इजरायल के वजूद पर सवाल उठाते रहते हैं

              Six day war in hindi★


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इजराइल का नाम सुनते ही अरब देशों और इजरायल के बीच हुए विवादों की एक लंबी कहानी मन में आ जाती है इजरायल की मान्यता को लेकर अरब देश हमेशा से विवाद में रहते हैं अरब देश जहां इजरायल के वजूद पर सवाल उठाते रहते हैं, वहीं इजरायल ने 1948 और 1967 की लड़ाई में अरब देशों को जबरदस्त मात देकर अतंरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान  को स्थापित किया है। ये बात अलग है कि आज भी इजरायल और फिलिस्तीन के बीच विवादों का सिलसिला जारी है।

 

एक बार फिर इजराइल और फिलिस्तीन देशों के बीच तनाव में 5 जून 1967 का वो मंजर याद आ रहा है, जब  महज 6 दिनों की लड़ाई में इजराइल ने ईराक , इजिप्ट (मिस्र),सीरिया और जॉर्डन को बहुत ही बुरी तरह से हरा दिया था इसमें इजिप्ट, सीरिया और जार्डन मुख्य थे ।


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◆ युद्ध क्यों शुरू किया गया था?

5 जून 1967 में यह युद्ध शुरू हुआ इसका मुख्य कारण था 

 Straits of Tiran जोकि इजराइल के व्यापार का मुख्य समुद्री मार्ग था इसे इजिप्ट ने बंद कर दिया।

 और ये मार्ग इजराइल के लिए बहुत अधिक मायने रखता था क्योंकि इसी रास्ते की मदद से उसका व्यपार होता था

 अगर वो न खुलता तो इजराइल को व्यपार में भारी नुकसान का सामना करना पड़ता ।

 और यहीं पर स्वेज़ विवाद भी हुआ था जिसके चलते संयुक्त राष्ट्र ने यहाँ पर अपनी फोर्स लगा रखी थी। उसे भी वहाँ से हटा दिया गया था । और आग में घी डालने का काम सोवियत ने किया इसने इजिप्ट को बोल दिया कि तुमने जो रास्ता बंद कर दिया है इसीलिए इजराइल तुम्हारे ऊपर आक्रमण करने वाला है उसने सीमा पर जवान तैनात कर दिया है लेकिन ये बिल्कुल झुठी खबर थी ।


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◆ रणनीति से हराया था इजराइल ने सबको

जब युद्ध की स्थिति सामने आई तो उस समय इजराइल के पास सिर्फ 1 लाख सैनिक थे और इजिप्ट के पास 2 लाख सैनिक थे अगर हथियार की बात करें तो इजराइल के पास 800 टैंक और 300 सौ लड़ाकू विमान थे। वहीं पर इजिप्ट की बात करें तो उसके पास 2500 टैंक और 970 लड़ाकू विमान थे।

इजराइल जनता था अगर मैं इनसे सीधे लड़ा तो शायद मैं हार जाऊंगा इसीलिए इसने अपनी चाल चली इजराइल ने अपने देश की मीडिया के मदद से पूरी दुनिया में इस  खबर को फैला दिया की इजराइल के पायलट और सैनिक छुट्टी पर गए हुए हैं लेकिन ये सिर्फ एक प्रोपोगंडा था ताकि सब लोग सोचे कि इजराइल तो युद्व के मूड़ में ही नहीं है

फिर 5 जून को इजराइल ऑपरेशन फोकस को लॉन्च कर देता है इधर इजिप्ट युद्ध की तैयारी में लगा था तभी अचानक से इजराइल की फ़ोर्स हमला बोल देती है और एक के बाद एक इजिप्ट के सभी एयरफील्ड को बर्बाद कर देता है

और देखते ही देखते इजिप्ट के 14 एयरफील्ड और 350 लड़ाकू विमानों को खत्म कर दिया गया और इन लोगों ने इजिप्ट के 100 पायलटों को भी ढेर कर दिया।

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◆ जब युद्व में कूदे दूसरे अरब देश

इसके बाद जॉर्डन मैदान में आया इसने जैसे ही उंगली की इजराइल सेना इस पर टूट पड़ी और थोड़े समय में ही इसने जार्डन के 28 विमानों को धूल चटा दी।

फिर सीरिया आया इसके भी 53 फाइटर प्लेन को इन लोगों ने तहस नहस कर दिया।

और आखिर में ईराक़ आया इसने भी कुछ समय में ही अपने 10 लड़ाकू विमानों को खो दिया

सिर्फ 4 घण्टे में पूरे आसमान में इजराइल ही इजराइल छा गया था।


बारी बारी चारों देशों को खूब पिटा।

ये युद्ध इजराइल ने बहुत दिमाग से लड़ा था।क्योंकि उनकी स्थल सेना जमीन पर युद्ध कर रही थी और वायुसेना ऊपर उनके सुरक्षा में थी अगर इतना दिमाग न लगते तो शायद इजराइल हार भी जाते क्योंकि इजराइल की तुलना में उनके पास सैन्यबल और आधुनिक हथियार दोनों ज्यादा थे।

5 जून को शुरू हुआ युद्ध 7 जून आते-आते इजराइल ने यरुशलम को अपने कब्जे में लिया इसके बाद सीरिया के Golan Height पर चढ़ाई कर दिया और इसपर भी अपना अधिकार जमा लिया ।

और इजिप्ट के सिनाई (Sinai) वाले हिस्से पर तो ये पहले ही कब्जा कर चुके थे।

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◆ युद्ध का परिणाम

इतना सब होने के बाद संयुक्त राष्ट्र ने  इस युद्व में हस्तक्षेप किया  फिर युद्व विराम (Ceasefire) हुआ फिर अन्ततः 10 जून 1967 को युद्व विराम की घोषणा की गई।और फिर इजराइल ने इजिप्ट का सिनाई वाला भाग और इसके साथ सीरिया के गोलन हाइट का कुछ हिस्सा वापस लौटा दिया।

 यह युद्ध पूरे 132 घण्टे तक चला था इसमें 20 हजार सैनिक अरब वालों के मारे गए और 800 सैनिकों इजराइल ने भी खो दिया।


वर्तमान में चल रहे फिलिस्तीन और इजराइल के विवाद को विस्तार से समझें

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माइकल ओरेन द्वारा लिखी गई किताब Six Days of War: June 1967 and the Making of the Modern Middle East में बताया गया है कि 1967 के युद्ध के पीछे खास वजह क्या थी। इसके अलावा ये बताने की कोशिश की गई है कि 1967 की लड़ाई ने वैश्विक राजनीति को किस तरह से प्रभावित किया । 


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